दिल्ली के डॉक्टरों ने चमत्कारिक काम करते हुए रविवार को एक 23 वर्षीय लड़की की जांघों का अतरिक्त मांस निकालकर प्रयोगशाला में प्राकृतिक स्तन का निर्माण कर दिया। गौरतलब है कि पोलैंड सिंड्रोम के एक आनुवांशिक विकार के चलते इस लड़की के बाएं स्तन का पूर्ण विकास नहीं हो पाया था।
मध्यप्रदेश के इंदौर जिले की रहने वाली इस लड़की का इलाज दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि लड़की इस विकार के चलते अवसाद में थी और हीनभावना से ग्रसित रहती थी। लेकिन इस लड़की ने हिम्मत नहीं हारी और इंटरनेट पर इसका समाधान खोजने की कोशिश की। डॉक्टरों ने बताया कि वह स्तन प्रत्यारोपड और ग्राफ्टिंग प्रक्रिया से भी गुजर सकती थी।
सर गंगा राम अस्पताल के प्लास्टिक और कॉस्मेटिक सर्जन विवेक कुमार से सलाह लेने के बाद इस लड़की ने फैट ग्राफ्टिंग प्रक्रिया से गुजरना उचित समझा क्योंकि उसने पाया कि यह प्रक्रिया प्राकृतिक है और यह बेहद आसानी सी सर्जरी है।
कुमार ने बताया कि स्तन विकास के लिए यह आधुनिक तकनीक है और यह भारत में हाल ही में चर्चा में आई है। उन्होंने बताया कि स्तन की कॉस्मेटिक और पुनर्निर्माण संबंधी अन्य प्रक्रियाओं में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
मध्यप्रदेश के इंदौर जिले की रहने वाली इस लड़की का इलाज दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि लड़की इस विकार के चलते अवसाद में थी और हीनभावना से ग्रसित रहती थी। लेकिन इस लड़की ने हिम्मत नहीं हारी और इंटरनेट पर इसका समाधान खोजने की कोशिश की। डॉक्टरों ने बताया कि वह स्तन प्रत्यारोपड और ग्राफ्टिंग प्रक्रिया से भी गुजर सकती थी।
सर गंगा राम अस्पताल के प्लास्टिक और कॉस्मेटिक सर्जन विवेक कुमार से सलाह लेने के बाद इस लड़की ने फैट ग्राफ्टिंग प्रक्रिया से गुजरना उचित समझा क्योंकि उसने पाया कि यह प्रक्रिया प्राकृतिक है और यह बेहद आसानी सी सर्जरी है।
कुमार ने बताया कि स्तन विकास के लिए यह आधुनिक तकनीक है और यह भारत में हाल ही में चर्चा में आई है। उन्होंने बताया कि स्तन की कॉस्मेटिक और पुनर्निर्माण संबंधी अन्य प्रक्रियाओं में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
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